Sonam Wangchuk Pad Yatra; Delhi jayegi Laddakh से शुरू हुई प्रसिद्ध पर्यावरणविद Sonam Wangchuk की Pad Yatra

Sonam Wangchuk Pad Yatra; दिल्ली जाएगी लद्दाख से शुरू हुई प्रसिद्ध पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की पद यात्रा 

Sonam Wangchuk Pad Yatra

Himachal Today, Mandi.

लद्दाख से शुरू हुई लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरणविद सामाजिक कार्यकर्त्ता सोनम वांगचुक की पदयात्रा का भूमि अधिग्रहण मंच स्वागत करेगा। सोनम वांगचुक की पदयात्रा 20 सितम्बर को मंडी जिला में प्रवेश करेगी और यह पद यात्रा दो अक्तूबर को दिल्ली पहुंचेगी। केंद्र की जन विरोधी नितीयों के खिलाफ सोनम वांगचुक ने लद्दाख से दिल्ली के लिए पद यात्रा शुरू की है। जिसे बीच में आने वाले मार्ग में भारी जन समर्थन मिल रहा है। 


मंडी में पद यात्रा का जोरदार अभिनंदन करेगा भूमि अधिग्रहण मंच


सोनम वांगचुक की पदयात्रा का भूमि अधिग्रहण मंच जिले के अलग-अलग रास्ते में का अभिनंदन करने का निर्णय लिया गया है। मंच के संयोजक जोगिंदर वालिया ने कहा की इस यात्रा का उद्देश्य हिमालय के संरक्षण का संदेश देशवासियों तथा भारत सरकार तक पहुंचाना है। संयोजक श्री वालिया ने फोरलेन प्रभावित/फोरलेन समिति से अपील की है कि यात्रा के दोरान अपने- अपने गांव में इकठे होकर पद यात्रियों का जोरदार स्वागत करें और अपनी एक्जुटता जाहिर कर इस मुहिम को समर्थन प्रदान करें। 


20 मंडी के नागवाई में प्रवेश करेगी सोनम की पद यात्रा

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोनम वांगचुक की यात्रा 20 सितम्बर को प्रातः साढे 9 बजे मंडी के नागवाई में प्रवेश करेंगी। इसके उपरांत टकोली में 10 बजे, औट में 12 बजे, पंडोह (जागर) में 4 बजे पहुंचेगी तथा यहीं यात्री ठहराव का पडाव रहेगा। 

21 सितम्बर की दोपहर 1 बजे आर्ट गैलरी वृन्दावन मंडी, भोजन उपरांत प्रेस वार्ता की जाएगी। जिसके उपरांत 3 बजे बेहना पुल और 4 बजे नागचला और शाम साढे 5 बजे नेरचौक और यहीं नेर-चौक में गुरद्वारा में रात्री ठहराव रहेगा। 22 सितम्बर प्रातः 9 बजे कनेड में, सुंदरनगर, दोपहर बाद बरमाणा में अभिनन्दन किया जायेगा। 


जज्बातों का आंदोलन बनती जा रही सोनम की पद यात्रा  


संयोजक श्री वालिया ने कहा कि इस मुहिम में अधिक संख्या में शामिल हांं। पदयात्रा में शामिल हुए लोगों के खाने व ठहरने आदि का प्रबंध जगह-जगह पर विभिन्न लोगों की ओर से ही किया जा रहा है। जिससे धीरे-धीरे यह लोगों के जज्बातों का आंदोलन बनता जा रहा है। 

अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ो को काटकर भारी नुकसान झेल रहा किसान 

भूमि अधिग्रहण मंच के अध्यक्ष, बी आर कौंडल ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से लोगों को जागरूक करके यह बात बताई जा रही है कि हमें पर्वतों, पहाड़ों, पेड़ पोधो का सरंक्षण और पर्यावरण की रखवाली करनी होगी। भूमि अधिग्रहण मंच का भी यही मानना हे कि विकास के नाम पर अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ो को काटकर आम किसानो को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा हे  खासकर फोरलेन निर्माण में भारी कटाव  हुआ हे दूसरी तरफ ऊपरी हिमालय में जो ग्लेशियर हैं वे पूरे उत्तर भारत को पानी देते हैं और अगर ये ग्लेशियर खत्म हो गए तो सभी को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। इनकी रखवाली करने वाला कोई और नहीं आएगा, हमें ही यह करना होगा। आओ हम सब मिलकर इस यात्रा का स्वागत करे।

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