AWBI: पशु अत्याचार और गोवंश संरक्षण को लेकर जताई चिंता
हिमाचल टूडे न्यूज।
Animal Welfare Board of India : पशु अत्याचार निवारण समिति जिला मंडी के सचिव एवं भारतीय जीवजन्तु कल्याण बोर्ड के मनोनीत जीवजन्तु कल्याण प्रतिनिधि सीता राम वर्मा ने जीवजन्तु कल्याण और कृषि पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए चिंता जताई है कि राशायनिक खादों के निरंतर प्रयोग से भूमि बिषाक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि राशायनिक खादों के प्रयोग से अनेक घातक रोगों से ग्रसित हो रहा है। यदि जहर मुक्त खेती न की गई तो आने वाली पीढी भयानक रोगों की शिकार हो सकती है और अल्प समय में ही अकाल मौत के शिकार तक हो सकती है। जिस कारण प्रदेश सरकार भी इस विषय पर विशेष बल दे रही है।
उन्होेंने इसके साथ जीवा अमृत, घन-जीवा अमृत तकनीक का प्रशिक्षण दिया। इस के साथ देशी गऊओं के महत्व पर प्रकाश डाला। बच्चों के माध्यम से किसानों को देशी गाय में साहीवाल, गौर तथा रैल, सिन्धी व धार परकार को पालने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि क्योंकि इनके गोबर और गोमूत्र से ही प्राकृतिक खेती सम्भव है।
कृषि पर आधारित आधुनिकतम तकनीक सीखाए गुर
बता दें कि कार्यशाला का आयोजन धनोटू खंड के जुगाहण स्थित परमा राम के आवासीय परिसर में किया गया। कार्यशाला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगला के तीन दर्जन विद्यार्थी शामिल हुए। इस अवसर पर खेतों के विज्ञानिक परमा राम विशेष रूप से उपस्थित रहे। सीता राम वर्मा ने कृषि पर आधारित आधुनिकतम तकनीक के गुर सीखाए और उन्नत तकनीक की विस्तृत जानकारी प्रदान की है।
बेसहारा छोडे जा रहे गोवंश को लेकर जताई चिंता
सीता राम वर्मा ने इस अवसर पर विशेष रूप से बेसहारा छोडे जा रहे गोवंश को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने गोवंश संरक्षण को लेकर बच्चों को जागरूक किया और पशु अत्याचार अधिनियम 1960 की विस्तृत जानकारी प्रदान की है। इस अवसर पर समस्त विद्यार्थियों ने अपने क्षेत्र में इस विषय पर किसानों और अमजन को जागरूक करने का संकल्प लिया। कार्याशाला में स्कूल के व्यवसायिक अध्यापक भी शामिल हुए।
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