Bilaspur News: विदेश में बैठे दूल्हे और मंडी के कनैड की लड़की से की शादी

विदेश बैठे दूल्हे और मंडी के कनैड की लड़की से की शादी_  

Bilaspur News: विदेश में बैठे दूल्हे और मंडी के कनैड की लड़की से की शादी


HIMACHAL TODAY NEWS: Report-Kashmir Thakur-Bilaspur । 
बिलासपुर में बिना दूल्हे के आनलाइन हुई एक शादी जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश में चर्चा का विषय बनी है। शहर के रौड़ा सेक्टर में हुई इस शादी के चर्चे हर जुबान पर है। डिजीटल दौर में हुए इस विवाह को लेकर मुस्लिम समुदाय ने दकियानुसी विचारधारा को पछाड़ते हुए समाज में एक मिसाल भी पेश की है। रौड़ा सेक्टर से समाजसेवी एवं ठेकेदार मोहम्मद रफी और उनकी पत्नी शबाना आजमी के छोटे बेटे मोहम्मद अदनान (24) ने टर्की यानि विदेश में बैठक की इस विवाह का कबूलनामा करार मुकम्मल करवाया।

गौर हो कि अदनान टर्की में किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता है तथा युवती फरहीन अख्तर (21) पुत्री महबूब अख्तर सुंदरनगर मंडी के डुगराईं (कनैड) कस्बे की रहने वाली है। फरहीन कालेज में पढ़ती है।
Bilaspur News: विदेश में बैठे दूल्हे और मंडी के कनैड की लड़की से की शादी


दादा की इच्छा पर ऑनलाइन किया निकाह_ 


इनका रिश्ता डेढ़ साल पहले तय हो गया था, वहीं लड़की दादा का 
स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण उनकी इच्छा पूर्ति के लिए यह कदम उठाया गया।

मोहम्मद रफी ने बताया कि बीते कल बिलासपुर से चंद नजदीकी रिश्तेदार मित्र संबंधी वधु के घर गए जहां पर बाकायदा मौलवी द्वारा निकाह पढ़े जाने की रस्में पूरी की गई तथा दूल्हे अदनान ने टर्की में बैठकर ऑनलाईन इस रिश्ते को सहमति प्रदान कर दो परिवारों को एक किया।

मोहम्मद रफी ने बताया कि यह अब समय की जरूरत भी है। इससे समय की बचत के साथ-साथ फिजूलखर्ची पर भी पाबंदी लगती है।

उन्होंने कहा कि निकाह की रस्मों में दो गवाह एक वकील (कोई भी हो सकता है) की जरूरत होती है, जो इस पवित्र रिश्ते की जिम्मेवारी लेता है।

चूंकि अब शादी हो चुकी है। अब इसमें विदाई का किसी प्रकार का कोई कांसेप्ट नहीं रहता। रफी मोहम्मद ने बताया कि अब बहु हमारी बेटी हमारी है, लिहाजा इसके दो घर हैं। अब अपनी मर्जी के अनुसार यह बिलासपुर और कनैड आ जा सकती है।

उन्होंने बताया कि बेटी अभी पढ़ाई कर रही है तथा पढ़ाई को किसी भी कीमत पर बाधित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टर्की से बेटे के आने पर बिलासपुर में कहलूरी धाम का आयोजन होगा। जिसमें जरूरी परंपराओं का निर्वहन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस शादी को लेकर उन्हें हजारों मुबारकबाद मिल रही हैं। जिससे वे और उनका परिवार प्रसन्न है।








गौर हो कि शिक्षा को जीवन का अहम हिस्सा मानने वाले मोहम्मद रफी की बेटी व नव विवाहिता की ननद जोया रफी आरकेएमवी शिमला में बीएससी बायोटेक्नॉलोजी ऑनर्स की पढ़ाई कर रही है तथा वे समाज के सभी लोगों को शिक्षा की राह पर चलकर अव्वल बनने और देश की सेवा के लिए सदैव प्रेरित करते हैं।

इस अनूठी शादी को मुकम्मल करवाने में जिला जामा मस्जिद कमेटी बिलासपुर के प्रधान हारूद मोहम्मद, चार्टेड अकाउंटेंट मोहम्मद अकरम, सेवानिवृत पुलिस इंस्पेक्टर दिलशाद मोहम्मद, मोहम्मद फिदा, नंद लाल आचार्य व एलआर सेन ने अहम भूमिका निभाई।
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