DDHimachal Manjil: पढ़ाई का दबाव, उपकरणों का अत्याधिक इस्तेमाल और अपेक्षाओं का बोझ का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असरः मोहित चुघ
HimachalToday.in
सुंदरनगर।
Sundernagar DAV स्कूल के प्रधानाचार्य मोहित चुघ ने कहा कि पढ़ाई का बढ़ता दबाव, तकनीकी उपकरणों का अत्याधिक इस्तेमाल और सामाजिक अपेक्षाओं के बोझ का बच्चों के मानसिक संतुलन पर प्रतिकूल असर पड रहा है। उन्होंने इन चुनौतियों का समाधान सुझाते हुए कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के प्रति सहानुभूति, संवाद, और सहयोग का मार्ग अपनाने से इसमें सुधार किया जाना अनिवार्य है।
सराहा गया डी.डी. हिमाचल पर आयोजित मंजिल में श्री चुघ का साक्षात्कार
हाल ही में डी.डी. हिमाचल पर अध्ययन और बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य, विषय से संबंधित मंज़िल कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें Sundernagar DAV के प्रधानाचार्य मोहित चुघ का एक महत्वपूर्ण साक्षात्कार प्रस्तुत किया गया। श्री चुघ का यह साक्षात्कार, अपनी संवेदनशीलता और व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए विशेष रूप से सराहा गया है।
स्कूल के बच्चों के मानसिक विकास में मिल रहा बेहतर सहयोग
Sundernagar DAV स्कूल के प्रधानाचार्य मोहित चुग की इस सोच और इस पर कार्य करने की क्षमता का जहां स्कूल के बच्चों के मानसिक विकास में बेहतर सहयोग प्राप्त हो रहा है। वहीं परिजन वर्ग द्वारा भी बच्चों के विकास को लेकर डीएवी प्रधानाचार्य की कार्यशैली की सराहना की जा रही है।
बता दें इस संवाद में चुघ ने आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों पर गहन प्रकाश डाला।
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कोविड के पश्चात् बच्चों में पनपी मानसिक स्वास्थ्य को समझने की मुहिम
गौर हो कि आई.सी. टीआर सी नई दिल्ली और Sundernagar DAV के बीच टाई अप (साझेदारी) हुआ है जिसके तहत विद्यालय के 65 अध्यापक, अध्यापिकाएं और पांच गैर शिक्षक वर्ग वर्ष भर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में गहन अध्ययन कर रहे हैं ताकि कोविड के पश्चात् बच्चों में पनपी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को समझा जा सके और उनका निपटान सुचारू रूप और श्रेष्ठ ढंग से किया जा सके।
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केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं होना चाहिए शिक्षण संस्थानों का दायित्व
उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों का दायित्व केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने बच्चों के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करने और उनकी भावनाओं को समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
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बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में बेहतर कोशिश
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चुघ का यह साक्षात्कार न केवल शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक मार्गदर्शक था, बल्कि डी डी हिमाचल के माध्यम से समाज एवम् दूरदराज क्षेत्र के अन्य स्कूली बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में बेहतर प्रयास भी था। Sundernagar DAV परिवार अपने प्रधानाचार्य की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करता है, जिन्होंने शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को सुदृढ़ करने की पहल की है।
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