Kishtwad Encounter: आतंकी मुठभेड़ के शहीद राकेश कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद राकेश कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
Himachal Today News: सुंदरनगर।
जम्मू-कश्मीर के कितश्वाड़ में आतंकी मुठभेड़ में मंडी जिला के बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत छम्यार के बरनोग गांव के 42 वर्षीय शहीद राकेश कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार बरनोग के शमशान घाट में किया। उन्हें उनके पुत्र 7 वर्षीय बेटे प्रणव ठाकुर ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर सेना की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। हालांकि सोमवार की दोपहर को शहीद का पार्थिव शरीर मंडी पहुंच गया था। मगर समय की कमी के चलते उनका पार्थिव शरीर नेरचौक मेडिकल कालेज में सोमवार की रात को रखा गया था। जिसे मंगलवार सुबह आठ बजे शहीद के गांव लाया गया। जहां पर सैकड़ों लोगों के साथ पूर्व सैनिक भी शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। शहीद के गांव बरनोग में मातम इतना था कि हर तीसरा पुरूष, महिला, और बच्चे भारत मां की जय, राकेश कुमार अमर रहे के नारों की गूंज के साथ आंखे भर भर शहीद को विदाई दे रहे थे। शहीद की 90 वर्ष की माँ भत्ती देवी बेटे की मौत से स्तब्ध थी। शहीद की पत्नी भानुप्रिया शहीद की अंतिम विदाई में घरके आंगन के आखिरी छोर पर आई पर उसकी हालत अर्धमूर्छित सी ही थी। अंतिम फेरो के समय पति के ताबूत पर वह अर्धमूर्छित होकर शायद यही पूछ रही थी कि आप तो शान से चल पड़े मेरी शान तो आप से ही थी। शहीद की बेटी यशस्वी भी रो रो कर बेहाल थी। मगर उसके बेटे की हिम्मत देखकर उसने आप को इस दुख की घड़ी में भी मजबूत कर लिया था।
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दिसम्बर में लौट कर घर बनाने का किया था वादा
मंडी जिले के शहीद राकेश कुमार और उसके भाई का 10 कमरों का मकान वर्ष 2023 में हुई प्राकृतिक आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।
मौजूदा समय में शहीद राकेश कुमार का भाई अपने पुराने मकान में औऱ शहीद राकेश कुमार का परिवार बैहना में किराए के मकान में रह रहा है। राकेश कुमार के भाई कर्म सिंह ठाकुर ने बताया कि उनका भाई अभी डेढ़ महीना पहले ही छुट्टियां काटकर वापिस अपनी डयूटी पर गया था और मां से दिसंबर में फिर आकर नए घर का निर्माण कार्य शुरू करने का वादा करके गया था। शहीद राकेश कुमार का नए घर को बनाने का सपना अधूरा ही रह गया और वह देश की रक्षा करते हुए शहादत का जाम पी गया।
एपीएमसी मंडी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया ने शहीद के परिवार को मुख्यमंत्री से हर संभव राहत दिलाने का आश्वशन दिया है। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार के बलिदान का ऋणी पूरा प्रदेश है।
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शहीद होने से पहले वीडियो कॉल पर पत्नी से की थी बात
शहीद के एक रिश्तेदार ने बताया कि राकेश कुमार ने आतंकवादी से लोहा लेने से जाने से पहले वीडियो कॉल कर अपनी पत्नी भानु प्रिया से बात की। अपनी पत्नी का चेहरा देख मिशन के कामयाब होने की बात कही। इस कॉल के बाद राकेश कुमार मिशन पर निकल गए। मिशन तो कामयाब रहा । मगर राकेश कुमार देश के लिए वीरगति पा गए।
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सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद राकेश कुमार का उनके गांव बरनोग में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें सेना के अधिकारियों के साथ डीसी मंडी सहित कई अधिकारियों ने शिरकत कर शहीद को अंतिम विदाई दी। लगभग चार किलोमीटर पैदल चलकर नम आंखों से सेकड़ो लोग शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान हर तरफ भारत माता की जय,शहीद राकेश कुमार अमर रहे के नारों से पूरा गांव गुज गया। इस मौके पर भूतपूर्व सैनिकों के साथ अधिकारी भी इस यात्रा में शामिल रहे।
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पूर्व मुख्यमंत्री, डीसी सहित गणमान्यों ने दी श्रद्धांजलि
शहीद राकेश कुमार की को श्रदांजलि देने के लिए उनके गांव पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित एएपीएमसी मंडी के चेयरमैन संजीव गुलेरिय, डीसी मंडी अपूर्व देवगन, डीआईजी मंडी, पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर, नाचन के विधायक विनोद कुमार, बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी, कांग्रेस अनुसूचित विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्मदास चौहान, कॉपरेटिव बैंक के निदेशक लाल सिंह कौशल, कांग्रेस नाचन के पूर्व उम्मीदवार नरेश चौहान ने शहीद की शहादत ने शोक प्रकट करते हुए श्रदांजलि दी।
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