Bangal's Padma Murmu News : 5 सालों बाद भंगरोटू वृद्धाश्रम में रहने वाली पदमा मुर्मू अपने घर पश्चिम बंगाल रवाना

Bangal's Padma Murmu News : 5 सालों बाद भंगरोटू वृद्धाश्रम में रहने वाली पदमा मुर्मू अपने घर पश्चिम बंगाल रवाना  

Mandi News : कई साल से हिमाचल में दर बदर भटक रही महिला अपने घर पश्चिम बंगाल रवाना

महिला प्रशासनिक अधिकारी बनी पदमा और परिजनों के मध्य सेतु

कर्नाटक की सकम्मा के बाद मंडी जिला प्रशासन का एक और सराहनीय कार्य 

पश्चिम बंगाल रवाना हुई भंगरोटू वृद्धाश्रम में रहने वाली महिला 

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने पूरी टीम को दी बधाई

एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के प्रयास रहे सराहनीय

अपनों से मिलने पर रुकते नहीं रूक पा रहे थे खुशी के आंसू 

शिमला के मशोबरा से यहां बल्ह घाटी में पहुंची थी महिला

HimachalToday.in

Bangal's Padma Murmu News : 5 सालों बाद भंगरोटू वृद्धाश्रम में रहने वाली पदमा मुर्मू अपने घर पश्चिम बंगाल रवाना हुई है। अपनों से बिछडी पश्चिम बंगाल की धरती से हिमाचल की बल्ह घाटी में पहुंची एक वृद्ध महिला पदमा को उसके परिवार से मिलवाने में मंडी जिला प्रशासन को सफलता हासिल हुई है। तकरीबन डेढ़ साल वृद्धाश्रम में जीवन गुजर-बसर कर रही महिला पदमा मुर्मू को आज उपायुक्त अपूर्व देवगन की उपस्थिति में उनके परिजनों एवं संबंधित अधिकारियों के सुपुर्द किया गया है। 

अपनों से मिलने पर रुकते नहीं रूक पा रहे थे खुशी के आंसू 

भंगरोटू वृद्ध आश्रम से पहले भी सक्कमा को प्रशासन की मदद से अपने नसीब हुए और अब एक और महिला को अपनों से मिलना हो पाया है। इस दौरान महिला काफी भावुक हो गई और अपनों से मिलने पर खुशी के आंसू रुकते नहीं रूक पा रहे थे। इस मानवीय पहल पर महिला एवं उसके परिवार ने स्थानीय प्रशासन एवं प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।

शिमला के मशोबरा से यहां बल्ह घाटी में पहुंची थी महिला

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के तहत बल्ह वैली कल्याण सभा, भंगरोटू द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम में 23 सितंबर, 2023 से यह महिला रह रही हैं। इससे पहले यह महिला सुधार गृह, चलाखा लूणापानी में रह रही थीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह महिला कुछ वर्ष पूर्व बिलासपुर जिला के घाघस में मिली थीं। बिलासपुर पुलिस ने महिला के बारे में शिमला के मशोबरा स्थित बालिका एवं वृद्ध आश्रम में सम्पर्क किया। उसके उपरांत यह महिला यहां बल्ह घाटी में पहुंची।

बल्ह स्मृतिका नेगी के प्रयास रहे सराहनीय

इस महिला के बारे में जानकारी जुटाने में उपमंडलाधिकारी (ना.) बल्ह स्मृतिका नेगी के सराहनीय प्रयास रहे हैं। उन्होंने गत 26 दिसंबर, 2024 को वृद्ध आश्रम भंगरोटू का दौरा किया। इस दौरान कर्नाटक राज्य की सकम्मा के परिजनों को मिलवाने के प्रशासन के प्रयास रंग लाए थे। इसी दौरान यह वृद्ध महिला भी वहां दूसरी कुर्सी पर बैठी हुई शायद अपने परिजनों के बारे में चिंता जता रही थी। स्मृतिका नेगी की भेंट इस वृद्ध महिला से वहीं हुई जो कि बंगाल से संबंध रखने वाली प्रतीत हो रही थीं। हालांकि भाषा की बाध्यता के कारण उनसे समुचित संवाद नहीं हो पा रहा था। ऐसे में स्मृतिका नेगी ने क्षेत्र में कार्य कर रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रबंधन वर्ग से सम्पर्क किया और किसी बांग्ला भाषी व्यक्ति से सहयोग का आग्रह किया। प्राधिकरण प्रबंधन ने उनके तहत कार्य कर रहे बीरभूम जिला के रबीउल एसके को महिला से संवाद में सहयोग के लिए भेजा।

पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के आसनपुर गांव की रहने वाली हैं महिला 

उन्होंने बांग्ला भाषा में महिला से बातचीत की तो उसके घर-परिवार के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। महिला ने अपना नाम पदमा मुर्मु बताया। यह भी बताया कि वह पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के आसनपुर गांव की रहने वाली हैं। महिला ने यह भी बताया कि उसके पति का निधन हो चुका है। कुछ साल पूर्व उन्होंने पारिवारिक कलह के कारण घर छोड़ दिया था। हालांकि अब वह वापस अपने घर जाना चाहती हैं।

अब पदमा को ले जाने पश्चिम बंगाल से एक दल साथ भतीजा बबलू मुर्मू यहां पहुंचा

उपायुक्त ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर पश्चिम बंगाल राज्य में सम्पर्क करने पर महिला के नाम-पते की पुष्टि की गई। अब पदमा को ले जाने के लिए पश्चिम बंगाल से एक दल उनके भतीजे बबलू मुर्मू के साथ यहां पहुंचा है। इस दल में हुगली से सामाजिक कल्याण विभाग में सीईसी सुपरवाइजर सुनंदा चटर्जी, महिला कांस्टेबल सूरज मोनी हेम्ब्राम व मायना मंडी शामिल हैं। उपमंडलाधिकारी (ना.) बल्ह की निगरानी में आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत आज पदमा मुर्मू को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। परिजनों ने इसके लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन का विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया है।

कुछ साल पहले अपने गांव से वर्धमान गई और रेलगाड़ी से शायद हिमाचल तक पहुंची 

सीईसी सुपरवाइजर सुनंदा चटर्जी ने बताया कि यह महिला अपने भाई के परिजनों के साथ ही रहती हैं। कुछ साल पहले अपने गांव से वह वर्धमान चली गई और वहां से रेलगाड़ी से शायद यहां हिमाचल तक पहुंची हैं। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी के बारे में पुलिस को भी सूचना दी थी, मगर पदमा का कोई पता नहीं चल पाया था। अब मंडी जिला प्रशासन द्वारा इसकी जानकारी साझा करने के बाद स्थानीय स्तर पर उसके निकट संबंधियों के बारे में सूचना प्रमाणित की। आज यहां से पदमा के भतीजे के साथ उसे वापस ले जा रहे हैं। इसके लिए मंडी जिला प्रशासन का धन्यवाद करते हैं। 

वृद्ध आश्रम में रहने वाले जरूरतमंदों व असहाय लोगों को प्रदान की जाए हरसंभव मदद

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास रहता है कि वृद्ध आश्रम में रहने वाले जरूरतमंदों व असहाय लोगों को हरसंभव मदद प्रदान की जाए। बाहरी राज्य के यहां रहने वाले आश्रमवासी को उनके परिजनों से मिलवाने के लिए सफल प्रयास यहां पहले भी हुए हैं। हमें खुशी है कि सभी के समन्वित प्रयासों से और मंडी टीम की एक छोटी सी पहल से आज एक और महिला अपने परिजनों से मिल पाई। इसके लिए अभियान से जुड़ी प्रशासनिक और विभागीय टीम को बधाई देते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की यह महिला अब अपने परिजनों के बीच एक खुशहाल जीवन व्यतीत करेंगी।

हिमाचली टोपी एवं मफलर पहनाकर सम्मानित किए परिजन और अधिकारी 

इस अवसर पर उपायुक्त ने मंडी के सभी लोगों की ओर से पदमा मुर्मू और उनके परिजनों तथा साथ आए अधिकारियों के दल को हिमाचली टोपी एवं मफलर पहनाकर सम्मानित भी किया।

उपमंडल अधिकारी (ना.) मंडी ओमकांत ठाकुर, बल्ह स्मृतिका नेगी, जिला कल्याण अधिकारी समीर सहित आश्रम के संचालक व सभी आश्रमवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।

After 5 years, Padma Murmu, living in Bhangrotu old age home, has left for her home in West Bengal. The Mandi district administration has succeeded in reuniting Padma, an elderly woman who had reached the Balh valley of Himachal from the land of West Bengal, separated from her loved ones, with her family.Woman Padma Murmu, who was living in an old age home for almost one and a half years, was handed over to her family members and concerned officials today in the presence of Mandi Deputy Commissioner Apoorva Devgan.

Sub-Divisional Officer (Balh) Smritika Negi has made commendable efforts in gathering information about this woman. He visited the old age home Bhangarotu on December 26, 2024. During this period, the efforts of the administration to reunite the family members of Sakamma of Karnataka had borne fruit. In such a situation, Smritika Negi contacted the management team of

National Highway Authority of India working in the area and requested for
cooperation from any Bengali speaking person. The authority management sent
Rabiul SK of Birbhum district working under them to assist in communicating
with the woman.
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