Sivratri Mela 2025: राज्यपाल ने मंडी अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि में देवी देवताओं को दी विदाई

 

Sivratri Mela 2025: राज्यपाल ने मंडी अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि में देवी देवताओं को दी विदाई

-राज्यपाल ने मंडी अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि में देवी देवताओं को दी विदाई

-महोत्सव के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला

-राज्यपाल ने जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की

Himachaltoday.in
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज मंडी में अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता की और उन्होंने महोत्सव के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह महोत्सव हिमाचल प्रदेश की समृद्ध विरासत, आस्था और परंपराओं को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि शिवरात्रि केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह आस्था, तपस्या और भक्ति का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव सृजन और विनाश दोनों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि शिव का त्रिशूल हमें सत्य, धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और उनका डमरू सृजन और विनाश के शाश्वत चक्र को दर्शाता है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश को देवभूमि की संज्ञा देते हुए कहा कि मंडी को सांस्कृतिक विरासत के रूप में हिमाचल की छोटी काशी कहा जाता है और यहां भगवान शिव और अन्य देवताओं को समर्पित कई मंदिर हैं। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव हिमाचल की गौरवशाली परंपराओं को संरक्षित करते हुए राज्य की लोक संस्कृति, संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के एक मंच के रूप में कार्य करता है।

राज्यपाल ने जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की

राज्यपाल ने मंडी की पारंपरिक शोभा यात्रा जलेब को संरक्षित रखने और मेले में भाग लेने वाले देवताओं, कारदारों, तीर्थयात्रियों और बजंतरियों के लिए समुचित प्रबंध सुनिश्चित करने में जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महोत्सव में 192 से अधिक देवताओं ने भाग लिया और इस देव समागम ने इस आयोजन को भव्यता प्रदान की।
उन्होंने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में महोत्सव की भूमिका पर भी बल दिया। पर्यावरण संरक्षण और बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने राज्य में धार्मिक स्थलों को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए विस्तृत योजनाएं बनाने का आह्वान किया। युवाओं से सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिकता और परंपरा एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने लोगों से विभिन्न सामाजिक बुराइयों से एकजुट होकर लड़ने की अपील की ताकि समृद्ध हिमाचल का निर्माण किया जा सके।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान शिव को विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति का सम्मान और संरक्षण करके तथा अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर हम सच्चे अर्थों में भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
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इससे पहले, राज्यपाल ने माधोराय मंदिर में पूजा-अर्चना की और शोभा यात्रा में भाग लिया।
इस अवसर पर राज्यपाल और लेडी गवर्नर ने पारंपरिक पगड़ी पहनी और लोगों का अभिवादन किया।
इस अवसर पर उपायुक्त अपूर्व देवगन ने राज्यपाल और लेडी गवर्नर को सम्मानित किया और अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की जानकारी दी।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, इसमें एनसीसी कैडेट ने आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया और नशामुक्ति का संदेश देने वाले एक नाटक का प्रस्तुतिकरण भी किया।
महिला मंडल द्वारा आयोजित रस्साकशी प्रतियोगिता के फाइनल मैच की विजेता टीम महिला मंडल चच्योट को राज्यपाल ने 15,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, विधायक चन्द्रशेखर, इन्द्र सिंह, पूरन ठाकुर, दलीप ठाकुर, दीप राज, एपीएमसी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जिला परिषद के अध्यक्ष पाल वर्मा, मण्डी नगर निगम के महापौर वीरेन्द्र भट्ट, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे
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